Navalakha Mahal is situated in the heart of a blooming rose garden (Gulab Bag) which was originally laid out in the nineteenth century in the historical city of Udaipur also known as the “City of Lakes”.
नवलखा महल, उदयपुर में, विश्व प्रसिद्ध आर्यावर्त चित्रदीर्घा पहले से ही सहस्त्रो जनो को प्रतिवर्ष आकर्षित कर रही है| इसी को विस्तार देने हेतु एक ३डी थियेटर (सर्वोत्कृष्ट क्वालिटी में ) तैयार किया जा रहा है | जिसमे छात्रपयोगी लघु फिल्मे दिखाई जाएँगी |
महर्षि दयानन्द सरस्वती ने भारतीय मनीषा को पुनजीर्वित करते हुए ‘मानव तू मानव बन’ को साकार करने हेतु 16 संस्कारों से युक्त ‘मानव निर्माण पद्धति’ हमें ‘संस्कार विधि’ के रूप में प्रदान की है | परन्तु इसका प्रचार अत्यल्प ही हुआ है |